-----एक
कहावत है, रोग का घर खाँसी।
2. गीली खाँसी के
रोगी गिलोय, पीपल व कण्टकारी, तीनों
को जौकुट (मोटा-मोटा) कूटकर शीशी में भर लें। एक गिलास पानी में तीन चम्मच जौकुट
चूर्ण डालकर उबालें। जब पानी आधा रह जाए तब उतारकर बिलकुल ठंडा कर लें और 1-2
चम्मच
शहद या मिश्री पीसकर डाल दें। इसे दिन में दो बार सुबह-शाम आराम होने तक पीना
चाहिए।
3.श्रंगराभ्र रस, लक्ष्मी
विलास रस अभ्रकयुक्त और चन्द्रामृत रस, तीनों 10-10
ग्राम
तथा सितोपलादि चूर्ण 50 ग्राम। सबको पीसकर एक जान कर लें और इसकी 30 पुड़िया
बना लें। सुबह-शाम 1-1 पुड़िया, एक
चम्मच वासावलेह में मिलाकर चाट लें। दिन में तीन बार, सुबह, दोपहर व
शाम को, 'हर्बल वसाका कफ सीरप' या 'वासा कफ
सायरप' आधा कप कुनकुने गर्म पानी में डालकर पिएँ। साथ में
खदिरादिवटी 2-2 गोली चूस लिया करें। छोटे बच्चों को सभी
दवाएँ आधी मात्रा में दें। प्रतिदिन दिन में कम से कम 4 बार, एक
गिलास कुनकुने गर्म पानी में एक चम्मच नमक डालकर आवाज करते हुए गरारे करें।
4.अनार का छिलका
चुसे |
5. अमरुद को भुन कर खाये |
6.अदरक रस + शहद +
तुलसी रस लेवे |