बवासीर के इलाज का नुस्खा बड़ा सस्ता व सरल है।!!
नारियल की जटा लीजिए। उसे माचिस से जला दीजिए। जलकर भस्म बन
जाएगी। इस भस्म को शीशी में भर कर ऱख लीजिए। कप डेढ़ कप छाछ या दही के साथ नारियल
की जटा से बनी भस्म तीन ग्राम और चुना जो आप पान में खाते हैं। वह गेहू के दाने के
बराबर लेकर दही में मिलाकर खालीपेट दिन में तीन बार सिर्फ एक ही दिन लेना है।
ध्यान रहे दही या छाछ ताजी हो खट्टी न हो। कैसी और कितनी ही पुरानी पाइल्स की
बीमारी क्यों न हो, एक दिन में ही ठीक हो जाती है। सचमुच मुझे भी ऐसा
ही चमत्कार देखने को मिला। उस मरीज को जो पंद्रह दिन से खूनी बवासीर के कारण परेशान
था, एक दिन में ही आराम हो गया। यह नुस्खा किसी भी
प्रकार के रक्तस्राव को रोकने में कारगर है। महिलाओं के मासिक धर्म में अधिक
रक्तस्राव या श्वेत प्रदर की बीमारी में भी कारगर है। हैजा, वमन या
हिचकी रोग में यह भस्म एक घूँट पानी के साथ लेनी चाहिए।
ऐसे कितने ही नुस्खे हिन्दुस्तान के मंदिरों और मठों में साधु
संन्यासियों द्वारा आजमाए हुए हैं। इन पर शोध किया जाना चाहिए।
पुनः कुछ लोगों ने मुझे फोन कर सवाल किया कि खाली पेट दिन में
तीन बार लेना अर्थार्थ दिन भर भोजन नहीं करना है क्या। मेरा सुझाव है कि दवा लेने
के एक घंटा पहले और एक घंटा बाद तक कुछ न खाएं तो चलेगा। अगर रोग ज्यादा जीर्ण हो
और एक दिन दवा लेने से लाभ न हो तो दो या तीन दिन लेकर देखिए।