गुलकंद एक आयुर्वेदिक टॉनिक है। गुलाब के फूल की भीनी-भीनी खुशबू और पंखुड़ियों के औषधीय गुण से भरपूर गुलकंद को नियमित खाने पर कई फायदे होते हैं
सामग्री::
ताजी गुलाब की पंखुडियां, बराबर मात्रा में चीनी, एक छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची तथा पिसा सौंफ
विधि::
- पित्त के दोष दूर होते हैं तथा
- इससे कफ में भी राहत मिलती है।
- गर्मियों के मौसम में गुलकंद कई तरह के फायदे पहुंचाता है।
- गुलकंद कील मुहांसो को दूर करता है
- अरु रक्त शुद्ध करता है,
- हाजमा दुरुस्त रखता है और
- आलस्य दूर करता है।
- गुलकंद शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है
- कब्ज को भी दूर करता है।
- सीने की जलन दूर करता है
- हड्डियो के रोगो में लाभकारी है,
- सुबह-शाम एक-एक चम्मच गुलकंद खाने पर मसूढ़ों में सूजन या खून आने की समस्या दूर हो जाती है
- पीरियड के दौरान गुलकंद खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
- मुंह का अल्सर दूर करने के लिए भी गुलकंद खाना फायदेमंद होता है।
गुलकंद बनाने की विधि
सामग्री::
ताजी गुलाब की पंखुडियां, बराबर मात्रा में चीनी, एक छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची तथा पिसा सौंफ
विधि::
गुलाब की ताजी व खुली पंखुडियॉं लें ,अब कांच की बडे मुंह की बोतल लें इसमें थोडी पंखुडियां डालें अब चीनी डालें फिर पंखुडियां फिर चीनी अब एक छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची तथा पिसा सौंफ डालें फिर उपर से पंखुडियां डालें फिर चीनी इस तरह से डब्बा भर जाने तक करते रहें इसे धूप में रख दें आठ दस दिन के लिये बीच- बीच में इसे चलाते रहें चीनी पानी छोडेगी और उसी चीनी पानी में पंखुडियां गलेंगी। (अलग से पानी नहीं डालना है) पंखुडियां पूरी तरह गल जाय यानि सब एक सार हो जाय । लीजिये तैयार हो गया आपका गुलकंद।